मराठमोळी मिसळ – अपने दम पर बनाई पहचान अक्षय पाष्टे की संघर्ष से सफलता तक की प्रेरणादायक कहानी

मराठमोळी मिसळ

मराठमोळी मिसल –एक पढ़े-लिखे युवा ने चुना देसी स्वाद का रास्तामुंबई के मालाड इलाके के आप्पा पाड़ा क्षेत्र में रहने वाले 29 वर्षीय अक्षय आनंद पाष्टे ने सरकारी या प्राइवेट नौकरी के पीछे भागने की बजाय, अपने हुनर और माँ के स्वाद पर भरोसा करते हुए एक नया व्यवसाय शुरू किया “मराठमोळी मिसळ और स्नैक्स सेंटर”।

उन्होंने न सिर्फ खुद के लिए एक पहचान बनाई बल्कि आज के युवाओं को ये संदेश भी दिया कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो छोटे स्तर से शुरू करके भी बड़ा सपना जिया जा सकता है।

पढ़ाई से लेकर प्रेरणा तक

अक्षय मूलतः रत्नागिरी जिले के गुहागर तालुका के पाभरे गांव के निवासी हैं, पर बचपन से ही मुंबई के आप्पापाड़ा क्षेत्र में रहते आए हैं। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय के अंतर्गत कलिना कॉलेज से 2017 में वाणिज्य में स्नातक की डिग्री हासिल की।

बीच में उन्होंने BEST में मैकेनिक के रूप में प्रशिक्षण लिया और सरकारी नौकरी के लिए भी काफी प्रयास किया, पर सफलता नहीं मिली। फिर उन्होंने Kotak Mahindra Bank और HDFC जैसी नामी कंपनियों में काम किया, जहाँउन्हें ₹25,000 प्रति माह वेतन मिलता था। लेकिन मन में हमेशा अपना कुछ शुरू करने की ललक थी।

मराठमोळी मिसळ” की शुरुआत कैसे हुई?

मराठमोळी मिसळ

बचपन से अक्षय को अपने खुद के व्यवसाय की इच्छा थी, पर दिशा स्पष्ट नहीं थी। इसी दौरान उन्होंने माँ अर्चना पाष्टे की मिसळ बनाने की कुशलता को देखकर एक आइडिया लिया – क्यों न माँ के हाथ की लज्जतदार मिसळ को बिज़नेस में बदला जाए?

मनसे के विभाग अध्यक्ष ॲड. भास्कर परब के मार्गदर्शन और प्रेरणा से उन्होंने “मराठमोळी मिसळ और स्नैक्स सेंटर” की नींव रखी।

शुरुआत में उन्होंने घर पर छोटे-छोटे प्रयोग किए, सोशल मीडिया और यूट्यूब से सीखकर तीन महीने का फूड ट्रेनिंग भी लिया, और फिर एक चालता-फिरता टेम्पो स्टॉल गोरेगांव कोटक इन्फिनिटी आईटी पार्क के पास शुरू किया।

स्टॉल पर क्या-क्या मिलता है?

मराठमोळी मिसळ
नाश्ताविशेषता
मिसळमाँ के हाथों की खास चव
कांदे पोहेपारंपरिक मराठी स्वाद
साबूदाणा खिचड़ीहल्की और सेहतमंद
उपमाआसान व टेस्टी
शिरामिठास से भरपूर
मसाला छाछपाचन में सहायक
चाय, कॉफीताजगी के लिए

स्टॉल की टैगलाइन

मायेच्या हातची अस्सल चव” – यानी “माँ के हाथों का असली स्वाद

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परिवार बना ताकत

अक्षय की माँ अर्चना मिसळ बनाती हैं, पिता, भाई और दोस्त सभी मिलकर इस काम में मदद करते हैं। अक्षय खुद ग्राहकों से संवाद करते हैं और अपनी मधुर वाणी और सौम्य व्यवहार से उन्हें अपना बना लेते हैं।

आज “मराठमोळी मिसळ” सिर्फ एक स्टॉल नहीं, बल्कि मराठी आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है।

एक युवा की सोच और संकल्प

अक्षय कहते हैं: “जिस शहर में हम रहते हैं, वहाँ व्यापार पर बाहरी लोगों का कब्ज़ा है। लेकिन हम मराठी लोग क्यों नहीं आगे आते? अब समय आ गया है कि हम खुद अपना व्यापार शुरू करें, अपने लोगों को रोज़गार दें और स्वाभिमान से जिएं।”

उन्होंने कहा कि अगर यह स्टॉल सफल रहा, तो वह भविष्य में और शाखाएं खोलेंगे और मराठी युवाओं को रोजगार देंगे।

सोशल मीडिया से जुड़ाव

सोशल मीडिया का अक्षय ने बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर व्यवसाय की जानकारी, फूड वीडियो, ग्राहक प्रतिक्रिया आदि को शेयर कर लोगों का विश्वास जीता।

आज कई लोग उन्हें और उनके परिवार को शुभकामनाएं और समर्थन दे रहे हैं।

युवाओं के लिए प्रेरणा

अक्षय का मानना है –

  • पढ़ाई ज़रूरी है, लेकिन अगर नौकरी नहीं मिली तो रास्ते बंद नहीं होते।
  • खुद का छोटा सा बिज़नेस भी आत्मनिर्भरता की दिशा में पहला कदम होता है।
  • खुद पर और अपने परिवार के हुनर पर विश्वास रखना ज़रूरी है।

Disclaimer:अक्षय पाष्टे की कहानी हमें बताती है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी काम छोटा नहीं होता। “मराठमोळी मिसळ” एक व्यवसाय नहीं, बल्कि मराठी आत्मविश्वास, परिवार की एकता और मेहनत का उदाहरण है।

ऐसे युवाओं से प्रेरणा लेकर आज का युवा भी अपने Net Worth और जीवन में सफलता खुद गढ़ सकता है।

FAQ

मराठमोळी मिसळ स्टॉल कहां पर है?

गोरेगांव कोटक इन्फिनिटी आयटी पार्क के पास, मुंबई में यह चालता-फिरता स्टॉल स्थित है।

स्टॉल का समय क्या है?

स्टॉल हर दिन सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुला रहता है।